Monday, 10 April 2023

बनारस की भव्य गंगा आरती से जुड़ी सभी जानकारियां

 बनारस की भव्य गंगा आरती से जुड़ी सभी जानकारियां जो आपको जाननी चाहिए       



बनारस भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के एक प्रमुख शहर है। यह शहर धार्मिक एवं सांस्कृतिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है। बनारस की गंगा आरती भारत की प्रसिद्ध धार्मिक आरतियों में से एक है। यह प्रतिदिन होती है और संध्या के समय गंगा घाटों पर अनेक दीपकों के साथ सम्पन्न होती है। इस आरती का मुख्य उद्देश्य माँ गंगा को प्रसन्न करना होता है।

बनारस की गंगा आरती का आयोजन विश्वनाथ मंदिर के पास के कुछ घाटों पर होता है। प्रमुख घाटों में अस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट, परमार्थ घाट और मनिकर्णिका घाट शामिल हैं। इन घाटों पर आरती का आयोजन किया जाता है जो इस शहर की सुंदरता को और अधिक बढ़ाती है।

गंगा आरती की तैयारी में आसपास के दुकानों से फूल, दीपक और धातु के कलश खरीदे जाते हैं। यहां पर आरती में उपयोग किए जाने वाले दीपक विशेष तरह के तेल से भरे जाते हैं।


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बनारस में किन किन घाट पर गंगा आरती होती है

1. अस्सी घाट

2. दशाश्वमेध घाट

3. डॉ। राजेंद्र प्रसाद घाट


अस्सी घाट की गंगा आरती के बारे में:-


बनारस में स्थित असी घाट, जो भगवान शिव को समर्पित है, गंगा आरती के लिए एक प्रमुख स्थान है। यह घाट गंगा नदी के तट पर स्थित है और बनारस के पुराने शहर में स्थित है। असी घाट को काशी के नवाभ ने बनवाया था जो 1748 ईसा पूर्व में थे।

असी घाट पर गंगा आरती सामान्य रूप से रात्रि को होती है। इस घाट पर गंगा आरती तीन स्थानों पर होती है - श्री विश्वनाथ मंदिर, श्री आनन्दमई माँ और श्री भैरवनाथ मंदिर के सामने। गंगा आरती के समय इस घाट पर हजारों लोग एकत्र होते हैं और इस आरती को देखने के लिए विश्व भर से पर्यटक आते हैं।

गंगा आरती की शुरुआत शंख और धुन के साथ होती है और फिर प्रदीप जलाकर आरती की रूपरेखा बनाई जाती है। आरती के दौरान पुजारियों द्वारा धातु के दीपक जलाए जाते हैं जो गंगा की जल तापमान को बढ़ाते हैं। इसके अलावा, भजन और कीर्तन किये जाते हैं जो इस धार्मिक अनुष्ठान को और भी सुंदर बनाते हैं।


दशाश्वमेध घाट की गंगा आरती के बारे में:-



दशाश्वमेध घाट बनारस का एक प्रमुख घाट है, जो अनेक ऐतिहासिक घटनाओं के साक्षी रहा है। इस घाट पर होने वाली गंगा आरती बनारस के प्रसिद्ध आरतियों में से एक है।

दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती शाम को होती है, जब सूर्यास्त होता है। आरती के दौरान, पंडित जी श्लोक और दोहे गाते हुए गंगा माता की पूजा करते हैं। इस आरती के दौरान दीपक जलाये जाते हैं जो गंगा माता के शुभ आशीर्वाद की अभिव्यक्ति होती है।

गंगा आरती के दौरान लोग ध्वनि, दीपों की झलक और सभी की जुड़ी हुई भावनाओं के बीच खुश होते हैं। यह धार्मिक उत्सव बहुत ही प्रतिष्ठित होता है और इसे देखने के लिए लोग विभिन्न देशों से भी बनारस आते हैं।

दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती के बाद, लोग घाट के पास बैठकर गंगा जल का प्रसाद लेते हैं। इसके अलावा, इस घाट पर दिन में भी पूजा-अर्चना की व्यवस्था होती है जो श्रद्धालुओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होते है।


डॉ। राजेंद्र प्रसाद घाट की गंगा आरती के बारे में:-


डॉ। राजेंद्र प्रसाद घाट, जो पूर्व में लहरिया सराय घाट के नाम से जाना जाता था, बनारस के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित है। यह घाट भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ। राजेंद्र प्रसाद के नाम पर रखा गया है। यह घाट सुंदर और शांतिपूर्ण वातावरण के साथ एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है।

डॉ। राजेंद्र प्रसाद घाट पर भी गंगा आरती देखी जा सकती है। यहां गंगा आरती का आयोजन प्रतिदिन शाम 6:30 बजे से किया जाता है। आरती के दौरान दीपों की झिलमिलाहट देखने योग्य होती है। यहां आप अपने प्रियजनों और फैमिली के साथ शांतिपूर्ण वातावरण में गंगा आरती का आनंद ले सकते हैं।


बनारस की गंगा आरती की टाइमिंग:-


बनारस की गंगा आरती का समय रात्रि के समय होता है। सबसे पहली गंगा आरती प्रातःकाल 4:30 बजे होती है, जब भगवान विश्वनाथ की अर्चना की जाती है। दूसरी गंगा आरती सायंकाल को सूर्यास्त के बाद होती है, यानी रात्रि के लगभग 6:00 बजे से 7:00 बजे के बीच में।

गंगा आरती के समय को स्थानीय भाषा में 'संध्या आरती' भी कहा जाता है। यह बनारस के सभी घाटों पर होती है और अलग-अलग घाटों पर अलग-अलग समय पर शुरू होती है। यह गंगा आरती अखिल विश्व भारतीय संस्कृति की अनमोल धरोहर है जो बनारस की प्रसिद्धि का एक महत्वपूर्ण कारण बनती है।


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Varanasi Ganga Arti से सम्बन्धित प्रश्न:-


Himanshu mahor
1. बनारस की गंगा आरती देखने का तरीका ?
  1. घाट पर जाएं: सबसे सरल और सीधा तरीका है कि आप अपने आप को गंगा के किनारे वाले किसी भी घाट पर ले जाएं और आरती देखें। आमतौर पर, यह घाटों पर अधिकांश पर्यटकों का चयन करने वाला तरीका होता है।

  2. आरती के टिकट खरीदें: आप अग्रिम टिकट खरीदकर गंगा आरती के समय घाट पर अपनी जगह आसानी से पा सकते हैं। इसे निर्धारित घाटों पर किया जाता है जो बड़ी भीड़ से दूर होते हैं।

  3. नाव पर बैठें: यदि आप नदी से आरती देखना चाहते हैं, तो आप एक नाव पर बैठकर भी आरती का दृश्य देख सकते हैं। यह आपको गंगा के मध्य तक ले जाकर दृश्य को दूर से देखने की सुविधा देता है।

  4. ऊपरी मंजिल से देखें: कुछ होटल और इमारतों में ऊपरी मंजिलें होती हैं जो गंगा घाटों को देखने की सुविधा प्रदान करती हैं। इस तरीके से आप भी आरती देख सकते है।


2. बनारस की गंगा आरती कितने बजे से होती है ?
बनारस की गंगा आरती शाम के समय सामान्यतः 6:45 बजे से 7:30 बजे तक होती है।3. बनारस गंगा आरती कैसे देखे ?बनारस की गंगा आरती देखने के लिए आपको घाट पर पहुंचना होगा और भीड़ से अपनी जगह ढूंढनी होगी।

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